CBSE का बड़ा फैसला! अब साल में दो बार होंगी 10वीं बोर्ड की परीक्षा – CBSE Board New Rules 2025

शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025 से बोर्ड परीक्षा प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव की घोषणा की है। अब 10वीं कक्षा की परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। यह फैसला नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत छात्रों को अधिक अवसर और तनावमुक्त शिक्षा देने के उद्देश्य से लिया गया है।

क्या होगा नया सिस्टम?

CBSE ने यह स्पष्ट किया है कि साल में दो बार परीक्षा देने का विकल्प छात्रों को मिलेगा। यानी कोई छात्र पहली परीक्षा में ही संतुष्ट हो जाए, तो उसे दूसरी परीक्षा में बैठने की आवश्यकता नहीं होगी। वहीं जो छात्र अपने अंकों में सुधार चाहते हैं, वे दूसरी परीक्षा में शामिल होकर बेहतर स्कोर प्राप्त कर सकते हैं।

किसे मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?

इस फैसले से सबसे बड़ा फायदा उन छात्रों को मिलेगा जो परीक्षा के समय किसी कारणवश अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते। अब उन्हें पूरे साल इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। वे छह महीने के भीतर ही दोबारा प्रयास कर सकेंगे, जिससे उनका समय और मानसिक तनाव दोनों कम होंगे।

परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव संभव

CBSE के अनुसार, परीक्षा पैटर्न को भी और अधिक कॉन्सेप्ट-बेस्ड बनाया जाएगा, जिसमें रट्टा आधारित सवालों की जगह एनालिटिकल और अप्लाइड लर्निंग को बढ़ावा मिलेगा। इससे छात्र केवल नंबर लाने की बजाय वास्तविक समझ विकसित कर सकेंगे।

शिक्षकों और स्कूलों की भूमिका बढ़ेगी

दो बार परीक्षा आयोजित होने के कारण स्कूल प्रशासन और शिक्षकों की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी। उन्हें छात्रों को दोनों परीक्षाओं के लिए गाइड करना होगा और यह तय करना होगा कि कौन-सा छात्र दूसरी बार परीक्षा में भाग ले या नहीं। इस बदलाव के लिए स्कूलों को जल्द ही विस्तृत दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।

कब से लागू होंगे नए नियम?

CBSE ने यह नियम अकादमिक सत्र 2025-26 से लागू करने की घोषणा की है। यानी जो छात्र अप्रैल 2025 में 9वीं में प्रवेश लेंगे, वे 2026 में साल में दो बार 10वीं की परीक्षा देने के योग्य होंगे। इसी मॉडल को भविष्य में 12वीं की परीक्षाओं पर भी लागू किया जा सकता है।

निष्कर्ष

CBSE का यह फैसला भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करता है। इससे न सिर्फ छात्रों को अधिक अवसर मिलेगा, बल्कि शिक्षा प्रणाली भी लचीली और छात्रों-केंद्रित बनेगी। आने वाले समय में यह मॉडल देश भर के अन्य बोर्डों के लिए भी उदाहरण बन सकता है।

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