सरकारी कर्मचारियों को झटका! सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की सभी सरकारी छुट्टियां? जानिए सच क्या है

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ बड़ा दावा, इन दिनों सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप ग्रुप्स पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी सरकारी छुट्टियां रद्द कर दी हैं, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों में भ्रम और चिंता फैल गई है। इस खबर को लेकर कई लोग सवाल पूछ रहे हैं – क्या अब सरकारी दफ्तर हफ्ते में 7 दिन खुलेंगे? क्या त्यौहारों पर भी छुट्टी नहीं मिलेगी?

क्या सच में रद्द हुईं सभी सरकारी छुट्टियां?

सच्चाई यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है कि सभी सरकारी छुट्टियां रद्द कर दी जाएं। वायरल हो रही खबर भ्रामक है और पूरी तरह गलत संदर्भ में पेश की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ एक सुझावात्मक टिप्पणी की थी कि भारत जैसे देश में सरकारी छुट्टियों की संख्या पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए ताकि प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाई जा सके।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का क्या मतलब था?

सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा था कि भारत में सार्वजनिक अवकाश की संख्या बहुत अधिक है और इससे आम जनता के जरूरी कार्य प्रभावित होते हैं। अदालत ने सरकार से इस दिशा में नीति-स्तर पर विचार करने की बात कही थी, लेकिन कोई अनिवार्य आदेश नहीं दिया गया। इसका मतलब यह नहीं है कि अब सभी छुट्टियां रद्द हो गई हैं।

केंद्र और राज्य सरकार की छुट्टियां रहेंगी यथावत

सरकारी कर्मचारियों को 2025 की जो अवकाश सूची पहले से जारी की गई थी – उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। केंद्र सरकार की छुट्टियां और राज्यवार Gazetted Holidays पूर्ववत लागू हैं। त्यौहार, राष्ट्रीय पर्व और साप्ताहिक अवकाश जैसे रविवार अभी भी यथावत मान्य हैं।

अफवाह फैलाने वालों पर हो सकती है कार्रवाई

सरकार ने चेतावनी दी है कि ऐसी झूठी खबरें फैलाना आईटी एक्ट और साइबर कानून के तहत दंडनीय अपराध है। आम जनता से अपील की गई है कि वे किसी भी अफवाह को बिना जांचे आगे न बढ़ाएं और केवल सरकारी पोर्टल या प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) से ही पुष्टि करें।

कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया

सरकारी कर्मचारी संगठनों ने भी इस वायरल दावे को गलत और भ्रामक बताया है। उनका कहना है कि अगर कभी छुट्टियों में बदलाव होता है तो सरकार उन्हें समय रहते सूचित करती है और इस तरह सोशल मीडिया के माध्यम से कोई नीति नहीं बदलती जाती।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट ने सभी सरकारी छुट्टियां रद्द नहीं की हैं। वायरल हो रही खबर झूठी है और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। कर्मचारी और आम नागरिक अफवाहों से बचें और सिर्फ आधिकारिक सूचना पर ही भरोसा करें।

डिस्क्लेमर

यह लेख फैक्ट-चेक और सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक टिप्पणियों पर आधारित है। नीतिगत बदलावों की सही जानकारी के लिए pib.gov.in, india.gov.in या संबंधित विभागीय नोटिफिकेशन देखें।

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